तेरी हंसी की खातिर मैं सब ज़ख्म सह लूँगा हाँ, दर्द में भी, हँसता मैं रहूँगा तेरी हंसी की खातिर तेरी हंसी की खातिर मैं सब ज़ख्म सह लूँगा हाँ, दर्द में भी, हँसता मैं रहूँगा तेरी ...
अपने जैसा दुनिया को समझता हूँ मैं सबको हँसाकर खुश रह पाता हूँ मैं अपने जैसा दुनिया को समझता हूँ मैं सबको हँसाकर खुश रह पाता हूँ मैं
मैं मैं
मैं अभिशप्ता.... मैं अभिशप्ता....
"कहता है कि इंसान मैं" "कहता है कि इंसान मैं"
खुशी में तुम्हारी चहचहाती रहूंगी, दुःख में तुम्हारे पलकें झुका लिया करूंगी, खुशी में तुम्हारी चहचहाती रहूंगी, दुःख में तुम्हारे पलकें झुका लिया करूंगी,